NCERT Solutions for Chapter 15 नौकर Class 6 Hindi Vasant I

यह पाठ अनु बंधोपाध्याय द्वारा लिखा गया है जिसमे गांधीजी के बारे में बताया गया है की वे अपने सारे काम खुद करते थे और कभी भी काम से जी नहीं चुराते थे। वे बैरिस्टर होते हुए कई काम करते थे जैसे पिसाई, सब्ज़ियां छीलना, बर्तन धोना, साफ़ सफाई, आश्रम के भंडार को संभालना आदि। दक्षिण अफ्रीका में हुए बोअर युद्ध के समय भी उन्होंने सबकी शारीरिक मदद की थी। उनकी उम्र ज़्यादा होने के बावजूद भी उनमे थकान नहीं थी। वे हर तरह के काम करना जानते थे। वे इंग्लैंड में रहे थे तो उन्हें पता था की वह नौकरों को नौकरों की तरह नहीं बल्कि परिवार की तरह रखा जाता है। इसलिए वे कहते है की वे किसी को नौकर नहीं मानते हैं। उनकी जो सेवा करेगा उनको उसका मूल्य वे नहीं दे सकते, उनको उसका मूल्य भगवान ज़रूर देता है। 
NCERT Solutions for Class 6th Hindi Chapter 15 नौकर

नौकर Questions and Answers


Chapter Name

नौकर NCERT Solutions

Class

CBSE Class 6

Textbook Name

Vasant I

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प्रश्नावली

निबंध से:

प्रश्न 1. आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने कौनसा काम करवाया और क्यों?

उत्तर 

गांधीजी ने आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गेहूं बीनने का कम करवाया क्योंकि उन छात्रों को अपने अंग्रेजी भाषा के ज्ञान पर बहुत घमंड था | गेंहूँ बीनवाकर गांधी जी उनका यह घमंड तोड़ देना चाहते थे।


प्रश्न 2. 'आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं।' पाठ में तीन ऐसे प्रसंगों को अपने शब्दों में लिखो जो इस बात का प्रमाण हों?

उत्तर 

1. गांधीजी अपना बिस्तर तथा कमरा स्वयं साफ करते थे ।

2. वे कुएँ से पानी भरना, रसोईघर में आटा पीसना, सब्जियाँ काटने आदि काम स्वयं करते थे ।

3. वे बर्तनों की सफाई भी किया करते थे ।


प्रश्न 3. लन्दन में भेजे पर बुलाए जाने पर गांधी जी ने क्या किया?

उत्तर 

लन्दन में भोज पर बुलाए जाने पर गांधी जी वहाँ समय से पहले पहुंच गए तथा वहाँ तश्तरियाँ धोने, सब्जी साफ करने में तथा अन्य कामों में लोगो की मदद करने लगे|


प्रश्न 4. गांधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे का दूध कैसे छुड़वाया?

उत्तर 

श्रीमती पोलक के बच्चे का दूध छुड़वाने के लिए गांधी जी रात्रि में बच्चे को अपने साथ सुलाते थे तथा जब भी बच्चा रोता था, उसे दूध पिलाकर सुला देते थे| गांधीजी ने ऐसा 15 दिन तक किया, जिससे बच्चे का दूध छूट गया |


 प्रश्न 5. आश्रम में काम करने या करवाने का कौनसा तरीका गांधी जी अपनाते थे? इस पाठ पढ़कर लिखो ।

उत्तर 

गाँधी जी अपने काम स्वयं करना पसंद करते थे तथा वे दूसरों के काम में मदद करना भी पसंद करते थे ; परन्तु उन्हें अपने काम दूसरों से करवाना पसंद नहीं था| वे काम करने वाले लोगो को नौकर नहीं समझते थे वरन उनके साथ अपनों जैसा व्यवहार करते थे |


निबंध से आगे :

प्रश्न 1. गांधी जी इतना पैदल क्यों चलते थे? पैदल चलने का क्या लाभ हैं? लिखो ।

उत्तर 

गांधी जी हर रोज़ मीलों पैदल चला करते थे क्योंकि उन्हें पैदल चलने के लाभों का आभास था ।

पैदल चलने से हमारा स्वास्थ्य सही रहता है | पैदल चलने से शरीर में रक्त का परिवहन अच्छी तरह होता है | घास में नंगे पैर चलने से आँखो की रौशनी बढ़ती हैं |


प्रश्न 2. अपने घर के किन्हीं दस कामों की सूची बनाकर लिखो और यह भी कि उन कामों को घर के कौन - कौन से सदस्य अक्सर करते हैं? तुम तालिका की सहायता ले सकते हो –

काम

मैं 

माँ

पिता

भाई

बहन

चाचा

दादी

अन्य

घर का सामान लाना

 

 

 

 

 

 

 

 

घर की सफाई करना

 

 

 

 

 

 

 

 

बिस्तर रखना

 

 

 

 

 

 

 

 

खाना बनाना

 

 

 

 

 

 

 

 

कपडे धोना

 

 

 

 

 

 

 

 

अब यह देखो कि कौन सबसे ज़्यादा काम करता है और कौन सबसे कम | कामों का बराबर बंटवारा हो सके, इसके लिए तुम क्या कर सकते हों? सोचकर कक्षा में बताओ |

उत्तर 

काम

मैं

माँ

पिता

भाई

बहन

चाचा

दादी

अन्य

घर का सामान लाना

 

 

 ✔

 

 

 ✔

 ✔

 

घर की सफाई करना

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बिस्तर रखना

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खाना बनाना

 

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कपडे धोना

 

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पानी भरना

 

 

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पौधों में पानी देना

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सामानों को व्यवथित करना

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सब्ज़ियां लाना

 

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घर को सजाना

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सबसे अधिक काम चाचा, पिताजी तथा माँ करते हैं जबकि सबसे कम काम मैं करती हूँ। कामों को दिनों के अनुसार बाँटा जा सकता हैं।


अनुमान और कल्पना :

प्रश्न 1. गांधी जी अपने साथियों की ज़रूरत के मुताबिक हर कम कर देते थे, लेकिन उनका खुद का काम कोई और करे, ये उन्हें पसंद नहीं था | क्यों? सोचो और अपनी कक्षा में सुनाओ ।

उत्तर 

गांधी जी अपने साथियों की ज़रूरत के मुताबिक हर कम कर देते थे, लेकिन उनका खुद का काम कोई और करे, ये उन्हें पसंद नहीं था क्योंकि वह दूसरों पर बोझ नहीं बनना चाहते थे। कोई उन्हें कमज़ोर समझकर उनकी सहायता करे, ये उन्हें पसंद नहीं था |


प्रश्न 2. नौकरों को हमें वेतनभोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए | इसमें कुछ कठिनाई हों सकती है, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी ।' गांधी जी ऐसा क्यों कहते होंगे? तर्क के साथ समझाओ

उत्तर 

नौकरों को हमें वेतनभोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए | इसमें कुछ कठिनाई हों सकती है, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी ।' गांधी जी ऐसा इसलिए कहते होंगे क्योंकि नौकर भी मनुष्य होते हैं, उन्हें भी इस समाज में सम्पूर्ण सम्मान से रहने का अधिकार है | नौकरों के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करने पर उनका काम के प्रति लगाव बढ़ जाएगा |


प्रश्न 3. गांधी जी की कही - लिखी बातें लगभग सौ से अधिक किताबें में दर्ज़ हैं | घर के काम, बीमारों कि सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गांधी जी को लिखने का समय कब मिलता होगा? गांधी जी का एक दिन कैसे गुज़रता होगा, इस और अपनी कल्पना से लिखो ।

उत्तर 

गांधी जी की कही - लिखी बातें लगभग सौ से अधिक किताबें में दर्ज़ हैं | घर के काम, बीमारों कि सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गांधी जी रात्रि में समय निकालकर लिखते होंगे | सुबह के समय वह टहलने जाते होंगे, उसके बाद नित्य क्रिया से निवृत होकर प्राथना सभा जाते थे। उसके बाद वे रसोई घर के कामों में सहायता करते थे | इसके बाद आगंतुको से मिलना तथा गेंहू बीनने का काम साथ में करते थे। शाम को राजनीतिक गोष्ठियों में शरीक होते थे तथा रात्रि में लेखन कार्य किया करते थे | इस प्रकार गांधी जी पूरे दिन कुछ ना कुछ काम करते रहते थे| वह कभी खाली नहीं बैठते थे । उन्हें कभी थकावट नहीं होती थी |


प्रश्न 4. पाठ में बताया गया है कि गांधी जी और उनके साथी आश्रम में रहते थे | घर और स्कूल के छात्रावास से गांधी जी का आश्रम किस तरह अलग था? कुछ वाक्यों में लिखो ।

उत्तर 

स्कूल के छात्रावास में केवल किताबी ज्ञान उपलब्ध करवाया जाता है | परन्तु गांधी जी के आश्रम में विद्यार्थियों को ज्ञान के साथ T स्वावलम्बन के गुण भी सिखाये जाते थे ।


प्रश्न 5. ऐसे कामों कि सूची बनाओ जिन्हें तुम हर रोज़ खुद कर सकते हों ।

उत्तर 

ऐसे कई काम होते हैं जिन्हें हम हर रोज़ खुद कर सकते हैं -

स्वयं के कमरे की सफाई करना

सभी सामानो को व्यवस्थित रखना

खाना परोसना

बर्तन धोना

जूते - मोज़े साफ करना

घर के कामों में सहायता करना


भाषा की बात :

प्रश्न 1. (क) 'पिसाई ' संज्ञा है | पीसना शब्द से 'ना' निकाल देने पर 'पीस धातु रह जाती है | पीस धातु में 'आई' प्रत्यय जोड़ने पर 'पिसाई' शब्द बनता है | किसी - किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसे संज्ञा बनाने के बाद उसके रूप में बदलाव आ जाता है, जैसे ढोना से ढुलाई, बोना से बुआई |

मूल शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं |

नीचे कुछ संज्ञाएँ दी गयी हैं | ये बताओ ये किन क्रियाओं से बनी हैं?

रोपाई

कटाई

सिंचाई

सिलाई

कताई

रँगाई

(ख) हर काम - धंधे के क्षेत्र कि अपनी कुछ अलग भाषा और शब्द भंडार भी होते हैं | पिछले पृष्ठ पर लिखे शब्दों के सम्बन्ध दो अलग – अलग कामों से हैं । पहचानो कि दिए गए शब्दों के सम्बन्ध किन - किन कामों से हैं|

उत्तर 

(क) रोपाई - रोपना

कटाई - काटना

सिंचाई - सींचना

सिलाई - सिलना

कताई - कातना

रँगाई - रँगना

(ख) रोपाई, सिंचाई, कटाई कृषि के क्षेत्र से सम्बंधित हैं ।

कताई, रँगाई, सिलाई वस्त्र निर्माण से सम्बंधित हैं ।


प्रश्न 2. (क) तुमने कपड़ो को सिलते हुए देखा होगा | नीचे इस काम से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। आस - पास के बड़ों से या दर्जी से इन शब्दों के बारे में पूछो और इन शब्दों को कुछ वाक्यों में समझाओ|

तुरपाई

बखिया

कच्ची सिलाई

चोर सिलाई

(ख) नीचे दिए गए शब्द पाठ से लिए गए हैं। इन्हे पाठ में खोजकर बताओ कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग |

कालिख

भराई

चक्की

रोशनी सेवा

पतीला

उत्तर 

(क) तुरपाई - हाथ द्वारा की गई सिलाई को तुरपाई कहलाती है ।

बखिया - मशीन द्वारा की गई सिलाई बखिया कहलाती है ।

कच्ची सिलाई = पक्की सिलाई को हटाने के बाद की सिलाई कच्ची सिलाई कहलाती है ।

चोर सिलाई = आंतरिक सिलाई अर्थात जो बाहर से दिखाई ना दे |

(ख) कालिख = स्त्रीलिंग

भराई - स्त्रीलिंग

चक्की - स्त्रीलिंग

रोशनी - स्त्रीलिंग

सेवा - स्त्रीलिंग

पतीला – पुल्लिंग

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