NCERT Solutions for Chapter 2 बचपन Class 6 Hindi Vasant I

लेखिका(कृष्णा सोबती जी) ने इस संस्मरण में अपने बचपन के बारे में बताया है। उन्होंने बताया है की वे पहले रंग बिरंगे कपडे पहनती थी पहले वे समोसा कचोरी खाती थी अपने मोज़े धोती थी। उन्हें चॉकलेट और चना ज़ोर गरम अच्छा लगता था। उन्होंने शिमला रिज़ पर अपने आनंददायी अनुभव को व्यक्त किया है। लैंप की रौशनी में पढ़ने के कारण उन्हें चश्मा लग गया जिससे उन्हें भाई चिढ़ाते थे। इस संस्मरण में लेखिका ने अपने बचपन की यादों को स्मरण करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की है।  

NCERT Solutions for Class 6th Hindi Chapter 2 बचपन

 बचपन Questions and Answers

Chapter Name

बचपन NCERT Solutions

Class

CBSE Class 6

Textbook Name

Vasant I

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प्रश्नावली

संस्मरण से :

प्रश्न 1. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या - क्या काम करती थीं?

उत्तर 

लेखिका बचपन इतवार कि सुबह अपने मोज़ो व स्टाकिंग धोती थी तथा बाद में जूतों की पोलिश करती थी।


प्रश्न 2. 'तुम्हे बताउँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है ।' - इस बात के लिए लेखिका क्या - क्या उदाहरण देती है?

उत्तर

लेखिका कहती है कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दुरी हो चुकी है | लेखिका कहती है कि अब बचपन कि दिलचस्पियाँ बदल चुकी हैं| आज - कल ग्रामोफ़ोन की जगह हर घर में रेडियो और टेलीविज़न हैं | अब कुल्फी की जगह आइसक्रीम, कचौड़ी समोसा की जगह पेटीज़ ने ले ली है | शहतूत और फाल्से और खसखस के शरबत कोक और पेप्सी में बदल गए हैं।


प्रश्न 3. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई क्या कहकर चिढ़ाते थे?

उत्तर 

रात में टेबल लैंप की रौशनी में काम करने से लेखिका को चश्मा लग गया ।  

चश्मा लगने पर उनका भाई उनसे कहता था कि- आँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की!


प्रश्न 4. लेखिका अपने बचपन में कौन - कौन - सी चीज़े मज़ा ले - लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो |

उत्तर 

लेखिका बचपन में चॉकलेट, चने तथा अनारदाना का चूर्ण बड़े मज़े से खाती थी |

रसभरी, कसमल और काफ़ल उनके प्रिय फल थे।


संस्मरण से आगे :

प्रश्न 1. लेखिका के बचपन में हवाई जहाज़ की आवाज़ें, घुड़सवारी, ग्रामोफोन और शोरूम में शिमला-कालका ट्रैन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़े थीं | आज क्या - क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़ें तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो |

उत्तर 

मुझे वर्तमान में मिसाइल, डिजिटल घड़ी, मेट्रो ट्रैन, बुलेट ट्रेन, मोबाइल आकर्षित करती हैं ।


 प्रश्न 2. अपने बचपन की कोई मनमोहक घटना याद करके विस्तार से लिखो ।

उत्तर 

मैं मेरे पिताजी के साथ गणतंत्र दिवस पर परेड देखने गया था। वहाँ मैंने विभिन्न प्रकार की मिसाइल, झाँकिया देखी तथा पिताजी ने मुझे उनके कार्य के बारे में बताया |


अनुमान और कल्पना :

प्रश्न 1. सन 1935-40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुज़रा | उन दिनों के शिमला के विषय में जानने का प्रयास करो ।

उत्तर 

लेखिका के बचपन के समय शिमला ज्यादा विकसित नहीं था | उस समय शिमला में रेस्तराँ खुलना प्रारम्भ हुए थे | तब शिमला में अच्छे रास्ते नहीं थे इसलिए लोगों को दूसरी जगह जाने के लिए चढ़ाई करनी होती थी | शिमला रिज पर घुड़सवारी होती थी तथा एक स्कैंडल पॉइंट था|


प्रश्न 2. लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है, लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया है । अनुमान लगाओ कि सरवर कौन हो सकता है?

उत्तर 

लेखिका ने संस्मरण में सरवर को सम्बोधित करते हुए अपने बचपन के किस्सों के बारे में बताया। संभवतः सरवर उनका कोई मित्र या सहकर्मचारी रहा होगा |


भाषा की बात :

प्रश्न 1. क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मरना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ ।

उत्तर -

भाववाचक संज्ञा

क्रिया

खाना

खाऊँगी

चढ़ाना

चढाई

बताना

बताऊँगी

धोना

धोऊँगा

जाना

जाऊँगी



प्रश्न 2. चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं | इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं ।

अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो –

(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए ।

(ख) दो किलो अनाज दे दो ।

(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं |

(घ) सभी लोग हँस रहे हैं ।

(ड) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है ।

उत्तर 

(क) निश्चित संख्यावाचक विशेषण

(ख) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

(ग) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(घ) सार्वनामिक विशेषण

(ड) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(च) गुणवाचक विशेषण


प्रश्न 3. कपड़ों में मेरी दिलचस्पी मेरी मौसी जानती थीं।

इस वाक्य में 'मेरी' शब्द दिलचस्पी और मौसी संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं | सर्वनाम कभी - कभी विशेषण का काम भी करते हैं । पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो ।

उत्तर 

(i) 'हमारा' घर माल से ज्यादा दूर नहीं था |

(II) छुटपन में 'हमने' शिमला रिज पर बहुत मज़ें किये हैं ।

(III) जहाँ 'मेरा' पहला चश्मा बना था |

(IV) 'मैंने' रंगों की जमा कर ली है ।

(V) मुझे अपने मोज़े और स्टॉकिंग भी याद हैं!


कुछ करने को :

प्रश्न 1. अगर तुम्हें अपनी पोशाक बनाने को कहा जाये तो कैसी पोशाक बनाओगे और पोशाक बनाते समय किन बातों का ध्यान रखोगे? अपनी कल्पना से पोशाक का डिज़ाइन बनाओ |

उत्तर 

मैं स्वयं के लिए एक पारम्परिक वेश-भूषा बनाउंगी | पोशाक बनाते समय उसमें विभिन्न रंगो के सुई - धागे का अच्छी तरह प्रयोग करना होगा तथा डिज़ाइन पहले से तैयार कर लेना चाहिए|


प्रश्न 2. तीन - तीन के समूह में अपने साथियों के साथ कपड़ों के नमूने इक्क्ठा करके कक्षा में बताओ | इन नमूनों को छूकर देखो और अंतर महसूस करो | यह भी पता करो की कौनसा कपड़ा किस मौसम में पहनने के लिए अनुकूल है ?

उत्तर 

सूती कपड़ा = गर्मी

ऊनी कपड़ा = सर्दी

सूती कपड़े हल्के और मुलायम होते हैं तथा ऊनी कपड़े मोटे एवं ऊष्मीय होते हैं ।


प्रश्न 3. हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता करो। संभव हों तो किसी कारखाने में जाकर भी जानकारी इक्कठा करो ।

उत्तर 

हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के लिए कताई एवं बुनाई का प्रयोग किया जाता है । कताई में रुई से धागा बनाया जाता है तथा बुनाई में धागे से कपड़ा बनाया जाता है।


प्रश्न 4. हमारे देश में तरह- तरह के भोजन, तरह - तरह की पोशाकें प्रचलित हैं | कक्षा के बच्चे और शिक्षक इनके विविध रूपों के बारे में बातचीत करें ।

उत्तर 

हमारे देश में विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे दाल-बाटी, चूरमा  बाजरे की रोटी - मक्के की सब्जी, कचौड़ी, लिट्टी चौका, कबाब आदि प्रसिद्ध है |

प्रचलित पोशाक - धोती कुरता, साडी, सूट, कुरता - पजामा, एरी चादर, शॉल आदि |

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