NCERT Solutions for Chapter 10 एक दिन की बादशाहत Class 5 Hindi
प्रस्तुत कहानी में दो बच्चे आरिफ़ और सलीम की एक दिन की बादशाहत का चित्रण किया गया है । एक दिन बच्चों को तरक़ीब सूझी और दोनों ने अब्बा के पास जाकर कहा कि एक दिन के लिए उन्हें बड़ों के सारे अधिकार दे दिए जाएं । अगले दिन सुबह सबसे पहले आरिफ़ ने अम्मी को जल्दी उठकर खाना बनाने को कहा । बाद मे खानसामे को आदेश देकर उसने अपने सामने अंडे और मक्खन रखवाया और घर के बाकी सदस्यों को दलिया और दूध बिस्कुट देने को कहा | इसके बाद आरिफ़ और सलीम ने खाने खाते हुए अम्मी को टोका | इसके बाद सलीम ने अब्बा को कपड़ें मैले होने पर टोका और जल्दी ऑफिस जाने को कहा। बाद मे खानसामा रज़िया को उन्होंने आदेश दिया कि आज आलू, गोश्त, कबाब, मिर्चों का सालन बनेगा | सलीम तुरंत आगे बढ़ा और अम्मी को कहा कि आज गुलाब जामुन, गाजर का हलवा और मीठे चावल बनाओ । अगले दिन अम्मी खानसामे को हर खाने के साथ एक मीठी चीज़ बनाने का आदेश दे रही थी और सभी का बर्ताव बदल सा गया था । सभी को समझ आ गया था कि हुक्म देना आसान होता है मगर उसका पालन करना उतना ही मुश्किल होता है ।
Chapter Name | एक दिन की बादशाहत NCERT Solutions |
Class | CBSE Class 5 |
Textbook Name | Rimjhim |
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कहानी की बात
प्रश्न 1. अब्बा ने क्या सोचकर कहानी की बात मान ली ?
उत्तर: उन्होंने सोचा कि बच्चों की बात कभी-कभी मान लेनी चाहिए। उन्हें जिज्ञासा भी थी कि देखें बच्चे कैसे क्या करते।
प्रश्न 2. वह एक दिन बहुत अनोखा था जब बच्चों को बड़ों के अधिकार मिल गए थे। वह दिन बीत जाने पर इन्होंने क्या सोचा होगा-
- आरिफ ने
- अम्मी ने
- दादी ने
उत्तर:
- आरिफ ने सोचा होगा कितना अच्छा होता अगर रोज ऐसा ही दिन होता। फिर उसे मज़ा ही मज़ा आता।
- अम्मी ने सोचा होगा कि बच्चों की मर्जी भी सुननी चाहिए उन पर हमेशा पाबंदियाँ नहीं लगानी चाहिए।
- दादी ने सोचा होगा कि अच्छा हुआ वह एक दिन बीत गया नहीं तो ये बच्चे नाक में दम कर देते।
प्रश्न 1. अगर तुम्हें घर में एक दिन के लिए सारे अधिकार दे दिए जाएँ तो तुम क्या-क्या करोगी?
उत्तर:
- कम्प्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करूंगी।
- अपनी सहेलियों को बुलाकर उनसे गप्पे भारूंगी।
- दूध और फल बिल्कुल नहीं लूंगी।
- रसोइए से मनमानी चीजें बनवाकर खाऊँगी।
- नेट पर सर्किंग करूंगी।
प्रश्न 2. कहानी में ऐसे कई काम बताए गए हैं जो बड़े लोग आरिफ और सलीम से करने के लिए कहते थे। तुम्हारे विचार से उनमें से कौन-कौन से काम उन्हें बिना शिकायत किए कर लेने चाहिए थे और कौन-कौन से कामों के लिए मना कर देना चाहिए था?
उत्तर: मेरे विचार से आरिफ और सलीम को निम्न काम बिना शिकायत किए कर लेने चाहिए थे-
- रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने का काम
- घर में शांति से रहने का काम
- दोस्तों के साथ गप्पे नहीं मारने का काम
- कम जेब खर्च में ही संतुष्ट रहने का काम
मेरे विचार से उन्हें निम्न कामों के लिए मना कर देना चाहिए-
- बेकार के कपड़े पहनने से
- मिर्ची के सालन खाने से
तरकीब
दोनों घंटों बैठकर इन पाबंदियों से बच निकलने की तरकीबें सोचा करते थे।"
- तुम्हारे विचार से वे कौन कौन-सी तरकीबें सोचते होंगे?
- कौन-सी तरकीब से उनकी इच्छा पूरी हो गई थी?
- क्या तुम उन दोनों को इस तरकीब से भी अच्छी तरकीब सुझा सकती हो?
उत्तर:
- घर के बड़े लोगों को कैसे समझाया जाए जिससे कि वे उन पर इतनी अधिक पाबंदियाँ नहीं लगाएँ।
- उन्होंने अब्बा से दरखास्त पेश की कि एक दिन उन्हें बड़ों के सारे अधिकार दे दिए जाएं और सब बड़े छोटे बन जाएँ।
- उन दोनों ने जो तरकीब अपनाई वह सबसे अच्छी है। इस तरकीब ने बड़ों को इस बात का एहसास करा दिया कि हर समय बच्चों को निर्देश देते रहना अच्छी बात नहीं होती।
अधिकारों की बात
“... आज तो उनके सारे अधिकार छीने जा चुके हैं।"
1.अम्मी के अधिकार किसने छीन लिए थे?
2.क्या उन्हें अम्मी के अधिकार छीनने चाहिए थे?
3.उन्होंने अम्मी के कौन-कौन से अधिकार छीने होंगे?
उत्तर:
- आरिफ और सलीम ने अम्मी के अधिकार छीन लिए थे।
- कायदे से तो उन्हें अम्मी के अधिकार नहीं छीनने चाहिए थे लेकिन उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे इस बात से काफी परेशान हो चुके थे कि उन्हें अपनी मर्जी से चैं करने की भी इजाजत नहीं थी।
- उन्होंने अम्मी के निम्न अधिकार छीने होंगे।
० डाँटने का अधिकार
०अपना मनपसंद भोजन बनवाने का अधिकार
० पाबंदियाँ लगाने का अधिकार।
बादशाहत
प्रश्न 1. बादशाहत क्या होती है? चर्चा करो।
उत्तर: बादशाहत शब्द बादशाह से बना है। इसका अर्थ होता है बादशाह द्वारा अपने राज्य में अपनी मर्जी के अनुसार हुकूमत चलाना ।
प्रश्न 2. तुम्हारे विचार से इस कहानी का नाम एक दिन की बादशाहत क्यों रखा गया है? तुम भी अपने मन से सोचकर कहानी को कोई शीर्षक दो ।
उत्तर: ऐसा शीर्षक इसलिए रखा गया है क्योंकि आरिफ़ और सलीम एक दिन के लिए बादशाह की तरह अपनी मर्जी से घर का शासन चलाते हैं। वे घर के सभी सदस्यों को आदेश देते हैं। उन्हें क्या करना है, क्या पहनना है, क्या खाना है ... आदि निर्देश देते हैं। इस कहानी का दूसरा शीर्षक हो सकता है बच्चों 'हुकूमत'
प्रश्न 3. कहानी में उस दिन बच्चों को सारे बड़ों वाले काम करने पड़े थे। ऐसे में कौन एक दिन का असली 'बादशाह' बन गया था?
उत्तर: आरिफ़ एक दिन का असली 'बादशाह' बन गया था।
तर माल
रोज़ की तरह आज वह तर माल अपने लिए न रख सकती थी।"
- कहानी में किन-किन चीज़ों को तर माल कहा गया है?
- इन चीज़ों के अलावा और किन-किन चीज़ों को 'तर माल कहा जा सकता है?
- कुछ ऐसी चीज़ों के नाम भी बताओ, जो तुम्हें "तर माल' नहीं लगती।
- इन चीज़ों को तुम क्या नाम देना चाहोगी? सुझाओ।
उत्तर:
- अंडे और मक्खन को तर माल कहा गया है।
- हलवा, पूरी, मालपुआ आदि को 'तर माल कहा जा सकता है।
- दाल, चावल, रोटी, पॉपकॉर्न, मूंगफली आदि तरमाल नहीं लगतीं।
- स्वयं करो।
मनपसंद कपड़े
बिल्कुल इसी तरह तो वह आरिफ़ और सलीम से उनकी मनपसंद कमीज़ उतरवा कर निहायत बेकार कपड़े पहनने का हुक्म लगाया करती हैं।"
प्रश्न 1.
तुम्हें भी अपना कोई खास कपड़ा सबसे अच्छा लगता होगा। उस कपड़े के बारे में बताओ। वह तुम्हें सबसे
अच्छा क्यों लगता है?
उत्तर: स्वयं करो।
प्रश्न 2. कौन-कौन सी चीजें तुम्हें बिल्कुल बेकार लगती हैं?
(क) पहनने की चीजें – कुर्ता– पायजामा
(ख) खाने-पीने की चीजें - रोटी, दलिया, हरी सब्जियाँ, अन्नानास
(ग) करने के काम। - कपड़े साफ करना, जूते पॉलिश करना
(घ) खेल - कबड्डी, पतंगबाजी ।
हल्का भारी
(क) "इतनी भारी साड़ी क्यों पहनी?"
यहाँ पर भारी साड़ी' से क्या मतलब है?
- साड़ी का वज़न ज्यादा था।
- साड़ी पर बड़े-बड़े नमूने बने हुए थे।
- साड़ी पर बेल-बूटों की कढ़ाई थी।
उत्तर:
- साड़ी पर बेल-बूटों की कढ़ाई थी।
(ख)
- भारी साड़ी
- भारी अटैची
- भारी काम
- भारी बारिश ।
ऊपर "भारी विशेषण का चार अलग-अलग संज्ञाओं के साथ इस्तेमाल किया गया है।
इन चारों में भारी' का अर्थ एक-सा नहीं है। इनमें क्या अंतर है?
उत्तर:
- भारी साड़ी - साड़ी पर बेल-बूटों की कढ़ाई होने पर यह भारी लगने लगती है। ऐसी साड़ी मँहगी भी होती हैं। अतः यहाँ भारी का अर्थ मँहगी और अत्यधिक कढ़ाईदार होने से है।
- भारी अटेची - अटैची में वज़नदार सामान है जिससे वह भारी हो गई है। अतः यहाँ "भारी का अर्थ है। वजनदार।
- भारी काम - कोई काम जब बहुत बड़ा, मुश्किल और पेचीदा होता है तब उसके पहले 'भारी' विशेषण का प्रयोग किया जाता है। अतः यहाँ 'भारी' का अर्थ काम के 'बड़े, मुश्किल और पेचीदा होने से है।
- भारी बारिश - वर्षा जब बहुत अधिक होती है तो उसके पहले प्रायः हम भारी विशेषण लगाते हैं अतः यहाँ 'भारी' का अर्थ 'अधिक' से है।
(ग) भारी की तरह 'हल्का' का भी अलग-अलग अर्थों में इस्तेमाल करो।
उत्तर:
- हल्का बदन या शरीर - आज मैंने कम खाया है जिसके कारण बदन हल्का महसूस हो रहा है।
- हल्की बात - मेरे सामने इतनी हल्की बात मत करो।
- हल्का काम - जो काम तुम कर रहे हो वह बहुत हल्का है और कोई भी उसे कर लेगा।
- हल्का खाना - मेरी दादी हमेशा हल्का खाना खाती हैं।