NCERT Solutions for Chapter 7 डाकिए की कहानी, कंवरसिंह की जुबानी Class 5 Hindi
प्रस्तुत कहानी में लेखिका 'प्रतिमा शर्मा' ने डाकिये कँवरसिंह के साथ बातचीत का वर्णन किया है | कँवरसिंह बताते है कि वह हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के नेरवा गाँव के निवासी हैं। उनकी उम्र पैंतालीस साल है | कँवरसिंह बताते है कि वह पहले भारतीय डाक सेवा में ग्रामीण डाक सेवक थे लेकिन अब वे पैकर के पद पर काम कर रहे हैं। इसके बाद कँवरसिंह बताते है कि वे चिट्ठियाँ, रजिस्टरी पत्र, पार्सल, बिल, बूढ़े लोगों की पेंशन आदि छोड़ने गाँव-गाँव जाते हैं । वह कहते है कि संदेश पहुँचाने का सबसे बड़ा साधन डाक है । कँवरसिंह बताते है कि उन्हें लोगों तक मनीआर्डर पहुँचाने, नियुक्ति पत्र का रजिस्टरी पत्र पहुँचाने और पेंशन पहुंचाने पर लोगों का खुशी भरा चेहरा देखने को मिलता है।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने सभी काम ईमानदारी के साथ करना चाहिए l
Chapter Name | डाकिए की कहानी, कंवरसिंह की जुबानी NCERT Solutions |
Class | CBSE Class 5 |
Textbook Name | Rimjhim |
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प्रश्न 1. कँवरसिंह कौन है? उसके एक बेटे की मौत कैसे हुई?
उत्तर: कॅवरसिंह भारतीय डाक सेवा में डाक सेवक है जो हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के नेरवा गाँव का निवासी है। उसकी उम्र पैंतालीस साल है। उसके चार बच्चे हैं-तीन लड़कियाँ और एक लड़का दो लड़कियों की शादी हो चुकी है। उसका एक और बेटा था जो गाँव में एक पहाड़ी से लकड़ियाँ लाते हुए गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई।
प्रश्न 2. कँवरसिंह को डाकसेवक के रूप में कौन-कौन से काम करने होते हैं?
उत्तर: चिट्ठियाँ, रजिस्ट्री पत्र, पार्सल, बिल, बूढ़े लोगों की पेंशन आदि छोड़ने कँवरसिंह को गाँव-गाँव जाना होता है।
प्रश्न 3. गाँवों में डाकिए का बड़ा आदर और सम्मान किया जाता है। क्यों?
उत्तर: क्योंकि वहाँ पर आज भी संदेश पहुँचाने का सबसे बड़ा ज़रिया डाक ही है। गाँव के लोग अपनी चिट्ठी आदि पाने के लिए डाकिए का इंतजार करते हैं।
प्रश्न 4. आप कैसे कह सकते हैं कि कँवरसिंह को अपनी नौकरी बहुत अच्छी लगती है?
उत्तर: कँवरसिंह को अपनी नौकरी बहुत अच्छी लगती है क्योंकि इस नौकरी की बदौलत उसे मनीआर्डर पहुँचाने पर रिजल्ट या नियुक्ति पत्र पहुँचाने पर पेंशन पहुँचाने पर लोगों का खुशी भरा चेहरा देखने को मिलता है।
प्रश्न 5. पहाड़ी इलाकों में डाक पहुँचाने में केंवरसिंह को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है?
उत्तर: पहाड़ी इलाकों में ठंड बहुत पड़ती है। हिमाचल प्रदेश के कुछ जिले जैसे किन्नोर और लाहौल स्पीति में तो अप्रैल महीने में भी बर्फबारी हो जाती है। बर्फ में चलते हुए कँवरसिंह को अपने पैर ठंड से बचाने पड़ते हैं क्योंकि स्त्रोबाइट का डर रहता है। इन जिलों में उसे एक घर से दूसरे घर तक डाक पहुँचाने के लिए लगभग 26 किलोमीटर
रोजाना चलना पड़ता है।
प्रश्न 6. कँवरसिंह को 'बेस्ट पोस्टमेन' की उपाधि क्यों और कब मिली?
उत्तर: अपनी जान पर खेलकर डाक की चीजें बचाने के लिए भारत सरकार ने उसे बेस्ट पोस्टमैन का इनाम दिया। यह इनाम उसे 2004 में मिला। इस इनाम में 500 रुपये और प्रशस्ति पत्र मिला।