NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 3 टोपी शुक्ला – राही मासूम रजा
Chapter Name | NCERT Solutions for Chapter 3 टोपी शुक्ला (Topi Shukla) |
Author Name | राही मासूम रजा (Rahi Masoom Raza) |
Related Study |
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Topics Covered |
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बोध प्रश्न
NCERT Solutions for Chapter 3 टोपी शुक्ला Class 10 Hindi बोध प्रश्न
1. इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा किस तरह से है?
उत्तर
इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि टोपी की सबसे पहली दोस्ती इफ़्फ़न से ही हुई थी और उसके जीवन में घटित कहीं घटनाएं इफ़्फ़न से जुड़ी हुई हैं। व्यक्ति के बचपन की दोस्ती का उसके जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है, क्योंकि वह उसे जीवनभर याद रहती है और हमेशा आनंदित करती रहती है; इसीलिए टोपी के जीवन की कहानी इफ़्फ़न के वर्णन के बिना अधूरी और बेमानी है। ये दोनों अलग-अलग मजहब से वास्ता रखते थे, लेकिन फिर भी इफ़्फ़न टोपी की कहानी का एक अटूट हिस्सा था।
2. इफ़्फ़न की दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थीं?
उत्तर
इफ़्फ़न की दादी एक जमींदार की बेटी थीं। बचपन से ही वे दूध-घी खाते-खाते बड़ी हुई थीं। लेकिन अपने ससुराल लखनऊ में वे उस दही के लिए तरस गई थी जो घी पिलाई हांडियों में असामियों के यहां से आया करता था। इसलिए जब वे मायके जाती थी तो लपड़-शपड़ जी भरकर खा लेती थी। ससुराल में उन्हें हर वक्त मौलविन बने रहना पड़ता था। यहां उनकी आत्मा हमेशा बेचैन रहती थी। यही कारण था कि वे अपने पीहर जाना चाहती थीं।
3. दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाई?
उत्तर
इफ़्फ़न की दादी का विवाह लखनऊ के मौलवी के घर हुआ था। जब उनके बेटे का विवाह हुआ तब उनकी गाने-बजाने व नाचने-गाने की बहुत इच्छा हुई, लेकिन मौलवियों के घर शादियों में गाना बजाना नहीं होता इसलिए उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई।
4. ‘अम्मी’ शब्द पर टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर
टोपी के परिवार वाले कट्टर हिंदू थे। आजकल के लोगों की तरह उनकी सोच इतनी आजाद नहीं थी। वे मुसलमानों से दूर ही रहना पसंद करते थे। ‘अम्मी’ एक उर्दू का शब्द है, जो साधारणतः मुसलमानों द्वारा प्रयोग में लिया जाता है। टोपी के मुंह से ‘अम्मी’ शब्द सुनकर सभी लोग हैरान व परेशान होकर उसकी तरफ देखने लग गए। खाने की मेज पर जितने भी हाथ थे, सभी रुक गए। सभी भौंचक्के होकर टोपी को एकटक देखने लग गए। उनकी परंपराओं की दीवारें डोलने लग गईं। उनके धर्म पर संकट के बादल मंडराने लग गए। सभी ने अंदाजा लगा लिया कि टोपी किसी मुसलमान लड़के के साथ रहने लग गया है और इस अनुमान के सही साबित होने पर उसकी मां व दादी ने उसकी खूब पिटाई करी।
5. दस अक्टूबर सन् पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्व रखता है?
उत्तर
दस अक्टूबर सन् पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन टोपी के पहले और एकमात्र मित्र इफ़्फ़न के पिता का तबादला लखनऊ से मुरादाबाद में हो गया था और इसके कुछ ही दिनों पहले इफ़्फ़न की दादी का देहांत हो गया था, जो टोपी के दिल के बहुत करीब थीं। अब टोपी बिल्कुल अकेला पड़ गया था, इसलिए इस दिन उसने कसम खा ली थी कि अब वह किसी ऐसे लड़के से दोस्ती नहीं करेगा जिसका बाप ऐसी नौकरी करता हो जिसमें बदली होती रहती है।
6. टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही?
उत्तर
इफ़्फ़न की दादी टोपी से बहुत प्यार करती थीं। बाकी लोग जब टोपी को छेड़ते थे, तब वे बीच-बचाव करने आ जाती थी और उसे अपने पास बुलाकर प्यारी-प्यारी बातें करती थी, जो टोपी को गुड़ की डली, अमावट और तिलवा से भी मीठी लगती थीं। टोपी की मां की भाषा उसकी दादी और पिता को बिल्कुल पसंद नहीं थी, लेकिन वह बोली टोपी के दिल में उतर गई थी। इफ़्फ़न की दादी की बोली भी टोपी की मां की तरह ही थी। उसे वे दोनों एक ही पार्टी की दिखाई दीं। इफ़्फ़न की दादी टोपी की दादी की तरह कभी चीखती-चिल्लाती नहीं थी। इस कारण उसे अपनी दादी से नफरत थी और इसीलिए उसने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात कही थी।
7. पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह क्यों था?
उत्तर
इफ़्फ़न को अपने घर के सभी लोगों से प्रेम था, लेकिन अपनी दादी से उसे विशेष स्नेह था; क्योंकि उसकी दादी ने उसे कभी डांटा-मारा नहीं था। वे बहुत ही विनम्र और मधुभाषी महिला थीं। उसकी अम्मी कभी-कभी उसे डांट-मार लिया करती थीं, उसकी बाजी भी किसी-किसी बात पर उस पर गुस्सा कर लेती थीं और उसके अब्बू भी कभी-कभी घर में न्यायालय की तरह कठोर फैसला सुना दिया करते थे; लेकिन इफ़्फ़न की दादी ने कभी भी उसका दिल नहीं दुखाया था। दादी उसे रात में सोने से पहले बहराम डाकू, अनार परी, बारह बुर्ज, अमीर हमज़ा, गुलबकावली, हातिमताई, पंच फुल्ला रानी की कहानियां सुनाया करती थीं।
8. इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली-सा क्यों लगा?
उत्तर
इफ़्फ़न की दादी टोपी से भी इफ़्फ़न की तरह ही प्रेम करती थीं। टोपी इफ़्फ़न के घर जाकर हमेशा दादी के पास बैठने का प्रयास करता था। उनकी बोली उसके मन में उतर गई थी। उनकी प्रेमपूर्वक कही गई बातें उसे गुड़ से भी मीठी व आम से भी रसीली लगती थी। इफ़्फ़न की दादी और टोपी का स्नेहभरा आत्मीय रिश्ता बन चुका था। टोपी का इफ़्फ़न के घर जाने का मुख्य उद्देश्य उसकी दादी का स्नेह और लाड-प्यार पाना ही होता था। उसे इफ़्फ़न के घर में किसी और से इतना लगाव नहीं था, इसीलिए इफ़्फ़न की दादी के चले जाने के बाद उसे इफ़्फ़न का घर खाली-सा लगा।
9. टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे पर एक अनजान अटूट रिश्ते में बंधे थे। इस कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए।
उत्तर
टोपी हिंदू धर्म से वास्ता रखता था और इफ़्फ़न की दादी मुस्लिम धर्म से, लेकिन दोनों को एक-दूसरे से अपार स्नेह और लगाव था। दोनों अलग-अलग मजहब और जाति के थे, लेकिन प्रेम के अटूट रिश्ते में बंध गए थे क्योंकि प्रेम जात-पात और धर्म नहीं देखता। इफ़्फ़न की दादी टोपी से अपने पोते की तरह ही प्यार करती थीं। टोपी भी उनके घर सिर्फ दादी की प्रेमभरी बातें सुनने ही जाता था। दादी की ममताभरी बातें, मीठी बोली व विनम्र स्वभाव टोपी के मन में उतर गया था। टोपी इफ़्फ़न की दादी का नाम भी नहीं जानता था, लेकिन उनका स्नेह उसे उनकी ओर आकर्षित करता था। उसने दादी के हज़ार बार कहने पर भी उनके हाथ से कभी कोई चीज़ नहीं खाई, लेकिन वह उनका लाड-प्यार पाने के लिए हमेशा उनके पास चला आता था।
10. टोपी नवीं कक्षा में दो बार फ़ेल हो गया। बताइए-
(क). ज़हीन होने के बावजूद भी कक्षा में दो बार फेल होने क्या कारण थे?
(ख). एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को किन भावात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
(ग). टोपी की भावात्मक परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव सुझाइए।
उत्तर
(क) टोपी बहुत ज़हीन अर्थात् होशियार व तेज दिमाग वाला था; लेकिन फिर भी नवीं कक्षा में दो बार फेल हो गया था। उसके दो बार लगातार फेल होने के निम्नलिखित कारण थे-
- पहले साल उसे पढ़ने का समय नहीं मिल पाया था क्योंकि घर के सभी लोग छोटे-मोटे सारे काम उसी से करवाते थे और जब उसे पढ़ने का समय मिलता था तब तक भैरव उसकी कापियों के पन्नों के हवाई जहाज बना चुका होता था।
- दूसरे वर्ष वह इसलिए फेल हो गया था क्योंकि उसे टाइफाइड हो गया था।
(ख) एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को निम्नलिखित भावात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा-
- उसके सभी साथी आगे निकल गए थे और उसे उन बच्चों के साथ बैठना पड़ रहा था जो उससे छोटे थे। यह उसके लिए शर्मिंदगी का कारण था।
- अध्यापक कमजोर बच्चों को उसका उदाहरण देकर पढ़ने के लिए कहते थे और उस पर व्यंग्य कसकर उसे अपमानित करते थे।
- कक्षा में उसका मजाक उड़ाया जाता था।
- कोई भी अध्यापक उसके प्रश्नों के जवाब नहीं सुनता था और यह कह कर टाल देता था कि उसे तो इन दो-तीन सालों में सभी जवाब मुंहज़बानी याद हो गए होंगे।
- उसके सभी मित्र बिछड़ गए थे और वह कक्षा में अकेला पड़ गया था।
(ग) छात्रों को टोपी जैसी स्थिति से बचाने के लिए हमारी शिक्षा व्यवस्था में निम्नलिखित बदलाव लाए जाने चाहिए-
- छात्रों व शिक्षकों को सख्त हिदायत दी जानी चाहिए कि कक्षा में ऐसे बच्चों को अपमानित न किया जाए और उनका मजाक ने बनाया जाए।
- ऐसे बच्चों को अगली कक्षा में बैठने दिया जाना चाहिए और अगले साल एक साथ दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं देने का नियम बना देना चाहिए।
- उनके लिए पिछली कक्षा की पढ़ाई करवाने के लिए विशेष कक्षाएं लगवानी चाहिए।
11. इफ़्फ़न की दादी के मायके कस्टोडियन में क्यों चला गया?
उत्तर
इफ़्फ़न की दादी पूर्वी भारत के ऐसे स्थान की रहने वाली थी जो भारत-पाकिस्तान के विभाजन के समय पाकिस्तान में चला गया था। उनका विवाह होने के बाद वे लखनऊ आ गई थीं और उनके मायके वाले भी कराची रहने लग गए थे। इस कारण उनके पुश्तैनी घर को संभालने वाला कोई नहीं था और उस पर किसी का मालिकाना हक नहीं था। ऐसी संपत्ति सरकार अपने कब्जे में ले लेती है और इसी नियम के अनुसार उनकी दादी के मायके का घर कस्टोडियन में चला गया था।