NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 15 स्त्री शिक्षा के विरोध कुतर्कों का खंडन - महावीर प्रसाद द्विवेदी
Chapter Name | NCERT Solutions for Chapter 15 स्त्री शिक्षा के विरोध कुतर्कों का खंडन - महावीर प्रसाद द्विवेदी (Stree Shikhsa ke Virodh Kutarko ka Khandan - Mahavir Prasad Dwivedi) |
Author Name | महावीर प्रसाद द्विवेदी (Mahavir Prasad Dwivedi) 1864-1938 |
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Topics Covered |
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प्रश्न अभ्यास
NCERT Solutions for Chapter 15 स्त्री शिक्षा के विरोध कुतर्कों का खंडन Class 10 Hindi प्रश्न अभ्यास
1. कुछ पुरातन पंथी लोग स्त्रियो की शिक्षा के विरोधी थे। दिवेदी जी ने क्या-क्या तर्क देकर स्त्रीशिक्षा का समर्थन किया ?
उत्तर
- प्राचीन काल मे भी स्त्रीयाँ शिक्षा ग्रहण करती थी , इसका प्रमाण वेदो मे मिल जाएगा।
- जो लोग मानते है स्त्री की शिक्षा गृह के कलेश का कारण है तो मर्दों की शिक्षा भी बंद होनी चाहिए।
- प्राचीन युग मे अनेक पदो की रचना स्त्री ने ही की है।
- यदि पुराने जमाने मे स्त्रीयों को शिक्षा नहीं दी जाती थी तो ऐसी रीति को हमे अब तोड़ देना चाहिए क्योकि यह नीति समाज की उन्नति मे बाधक है।
2. ‘स्त्रियों को पढ़ाने से अनर्थ होते’ – कुतर्कवादियों की इस दलील का खंडन दिवेदी जी ने कैसे किया है, अपने शब्दो मे लिखिए।
उत्तर
दिवेदी जी ने तर्क दिए कि यदि स्त्री-शिक्षा ही अशांति पैदा करती है तो पुरूषो की शिक्षा भी वही करेगी इसलिए पुरुषों की भी शिक्षा बंद करवा दी जाए।
स्त्रियो के लिए पढ़ना कालकूट तथा पुरुषो के लिए वही पीयूष का घूँट। ऐसी दलीलो को रखकर यह लोग भारत का गौरव बढ़ाने निकले है।
3. दिवेदी जी ने स्त्री- शिक्षा विरोधी कुतर्कों का खंडन करने के लिए व्यंग्य का सहारा लिया है- जैसे ‘यह सब पापी पढ़ने का अपराध है। न वे पढ़ती, न वे पूजनीय पुरुषो का मुकाबला करती।’ आप ऐसे अन्य अंशो को निबंध मे से लिखिए।
उत्तर
- स्त्रियो के लिए पढ़ना कालकूट तथा पुरूषो के लिए पीयूष का घूँट।
- स्त्रियो का किया हुआ अनर्थ यदि उनके पढ़ने का नतीजा है तो पुरुषो द्वारा किए अपराध भी उनके पढ़ने की ही वजह होने चाहिए।
4. पुराने समय ने स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा मे बोलना क्या उनके अपढ़ होने का सबूत है- पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
पुराने समय मे स्त्रियो द्वारा प्राकृत भाषा बोलना उनके अपढ़ होने का सबूत नहीं है क्योंकि उस काल मे प्राकृत जन साधारण की भाषा थी। सभी लोग इसी भाषा मे बात करते थे।
5. परंपरा के उन्ही पक्षों को स्वीकार किया जाना चाहिए जो स्त्री- पुरुष समानता को बढ़ाते हो- तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर
परंपराएँ मानव जीवन को सुंदर व सुखमय बनाने के लिए होती है तथा परंपराएँ आगे की कई पीढियों तक बिना बदले ही चलती है। प्रकृति ने स्त्री पुरुष मे कभी भेद नहीं किया तथा मनुष्य मात्र को भी नहीं करना चाहिए, इसलिए परंपराओं मे भी स्त्री-पुरूष की समानताओ कों ही बढ़ावा देना चाहिए।
6. तब की शिक्षा-प्रणाली और अब की प्रणाली मे क्या अंतर है स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
तब की शिक्षा प्रणाली मे स्त्रीयों को शिक्षा से दूर रखा गया तथा शिक्षा के क्षेत्र मे उतनी समानता नहीं थी परंतु आज लड़कियाँ शिक्षा के क्षेत्र मे काफी आगे है , वह अपने पेरों पर खड़ा होना जानती है तथा साथ ही घर का सही ढंग से ध्यान भी २खती है।
NCERT Solutions for Chapter 15 स्त्री शिक्षा के विरोध कुतर्कों का खंडन Class 10 Hindi रचना और अभिव्यक्ति
7. महावीर जी का निबंध उनकी दूरगामी और खूली सोच का परिचायक है, कैसे ?
उत्तर
महावीर जी ने इस पाठ मे स्त्रियो की शिक्षा के लिए आवाज उठाई है। पुराने दौर मे स्त्री शिक्षा पर इतना अधिक जोर नहीं दिया जाता था और यह बात महावीर जी को बहुत खटकी। वह जानते थे कि आने वाले समय मे स्त्री शिक्षा बहेद जरूरी है पूरे भारतवर्ष की उन्नति के लिए इसलिए यह निबंध महावर जी की दूरगामी व खूली सोच का परिचायक है।
8. दिवेदी जी की भाषा -शैली पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर
दिवेदी जी ने अपने निबंध मे गंभीर, प्रभावमयी एवं सटीक भाषा का प्रयोग किया है। महावीर जी ने संस्कृत निष्ठ तत्सम शब्दो के साथ देशज, उर्दू एवं अंग्रेजी शब्दो का भी प्रयोग किया है।
NCERT Solutions for Chapter 15 स्त्री शिक्षा के विरोध कुतर्कों का खंडन Class 10 Hindi भाषा अध्ययन
9. निम्नलिखित अनेकार्थी शब्दों को ऐसे वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए जिनमें उनके एकाधिक अर्थ स्पष्ट हों
चाल, दल, पत्र, हरा, पर, फल, कुल
उत्तर
- चाल - मेरी चाल धीमी है।
चाल - चाल में फांसना अच्छी बात नहीं है। - दल - हाथी हमेशा दल में चलता है।
दल - तुलसी दल लाभकारी माना जाता है। - पत्र - पत्र लिखने के दिन लद गये।
पत्र - पतझड़ में पत्र पेड़ से गिरते हैं। - हरा - हमारे तिरंगे में हरा रंग देश की समृद्धि का प्रतीक है।
हरा - भारत ने आस्ट्रेलिया को खेल में हरा दिया। - पर - चिड़िया के पर मत काटो।
पर - छत पर धूप है।
पर - वहां जाओ पर जरा ध्यान से। - कुल - कार में कुल चार लोग बैठे हैं।
कुल - कुल की लाज रखना हमारा कर्तव्य है| - फल - फलों का सेवन सेहत के लिए लाभदायक है|
फल - हम कर्म करना चाहिए, फल ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए|
NCERT Solutions for Chapter 15 स्त्री शिक्षा के विरोध कुतर्कों का खंडन Class 10 Hindi पाठेतर सक्रियता
10. अपनी दादी, नानी और माँ से बातचीत कीजिए और (स्त्री-शिक्षा संबंधी) उस समय की स्थितियों का पता लगाइए और अपनी स्थितियों से तुलना करते हुए निबंध लिखिए। चाहें तो उसके साथ तसवीरें भी चिपकाइए।
उत्तर
मैंने अपनी नानी से सुन रखा था कि उन्होंने मात्र पांचवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की थी। जब हमें वह पढ़ते देखतीं तब उन्हें हमेशा अफसोस होता था कि वे मात्र इतना ही क्यों पढ़ पायीं। इसका कारण वे उस जमाने में स्त्री शिक्षा के प्रति परिवार और समाज के नकारात्मक रवैये को बताती थीं। वास्तव में तब जमींदारी के जमाने में मेरे नानी के घर में पैसों की कमी नहीं थी क्योंकि इस्टेट की सालाना आय 64000 रूपये थी जो तब के जमाने में काफी बड़ी राशि मानी जाती थी। नानी के आगे नहीं पढ़ पाने के वास्तविक कारणों में उस जमाने के बड़े बुजुर्गों की रूढिवादी सोच का ही नाम लिया जा सकता है। आज मेरे या मेरी एक पीढ़ी आगे के बच्चों के समय रूढिवादी सोच में काफी परिवर्तन आया है। आज आर्थिक रूप से सबल लोगों की क्या कहें कम संपन्न लोग भी अपने बच्चों विशेषकर बच्चियों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। निर्धन लोग अपना पेट काट कर भी यानि स्वयं भूखा रहकर भी अपने बच्चों की शिक्षा में कोई कमी नहीं रखना चाहते हैं। आज समय बिल्कुल बदल गया है। लोग शिक्षा के महत्व को समझने लगे हैं। वे समझने लगे हैं कि अच्छी शिक्षा प्राप्त कर ही हम अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए यथोचित उपाय कर सकते हैं। शिक्षित होने पर कोई हमारा शोषण नहीं कर सकता है। हमारी आंखें हमेशा खुली रहेंगी। अच्छी शिक्षा प्राप्त होने पर कोई हमारी आंख बंद होने पर भी हमारी पोटली गायब नहीं कर पायेगा। ऐसा इसिलिए होता है क्योंकि शिक्षित होने पर हमारी अक्ल की आंखें हमेशा खुली रहती हैं।
11. लड़कियों की शिक्षा के प्रति परिवार और समाज में जागरूकता आए-इसके लिए आप क्या-क्या करेंगे?
उत्तर
लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में काफी विकास होने के बाद भी आज सभी परिवारों में इसकी एक जैसी स्थिति नहीं है। मैं इसके लिए पहले तो समाज में जागरूकता लाने हेतु समाज में शिक्षा के महत्व और उससे होने वाले लाभों को समाज के सामने रखूंगा। इसके बाद मैं कम मूल्य पर शिक्षा से वंचित परिवार को शिक्षित करने हेतु संसाधन प्रदान करने का हरसंभव प्रयास करूंगा। ऐसा मैं मुफ्त में उनके लिए कर पाऊं इस हेतु भी मैं प्रयासरत रहूंगा। मैं बालिकाओं की शिक्षा पर अपना ध्यान मुख्य रुप से केन्द्रित करूंगा। ऐसा मैं इसलिए करूंगा क्योंकि लड़कियों में साक्षरता का अनुपात लड़कों की अपेक्षा कम है। इनकी शिक्षा हेतु समाज को और अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है| इसके लिए मैं स्वयं या अन्य द्वारा कोचिंग की व्ववस्था में लड़कियों के लिए विशेष पैकेज का भी प्रावधान रखने का प्रयास करूंगा। संभव होने पर मैं लड़कियों को मुफ्त में पढ़ाने की भी पहल करूंगा ताकि वे पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकें| मैं शिक्षा से वंचित शेष लड़कियों की शिक्षा के प्रति परिवार और समाज में जागरूकता हेतु हर संभव प्रयास जारी रखूंगा|
12. स्त्री-शिक्षा पर एक पोस्टर तैयार कीजिए।
उत्तर
आज समाज में स्त्री शिक्षा की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। हम इस तथ्य को पोस्टर में लिखे नारों से अच्छी प्रकार समझ सकते हैं। जैसे कि
- नारी शक्ति है महान
हम सब मिल करें उसका सम्मान - नारी को जो समझे दुर्बल
उसको समझो तुम बेअक्ल - नारी के होने से शिक्षित
हो रहा आज स्वच्छ भारत - नारी आज शिक्षा के हथियार से हो सुसज्जि
बन रही है दुष्टों के लिए आफत - हमारा है यह पुनीत कर्तव्य
बच्चियों को समझें बच्चों के लगभग - बच्चियों को बचायें हम सब
बाकि का काम कर लेंगी बच्चियां सब - ईश्वर की नजर में जब हैं सब बराबर
तो बच्चे-बच्चियों में हम क्यों करें अन्तर - बच्चा है भाग्य से
तो बच्ची है सौभाग्य से
13. स्त्री-शिक्षा पर एक नुक्कड़ नाटक तैयार कर उसे प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर
डम-डम-डम-डम
कॉलेज के विद्यार्थियों के समूह का दृश्य है। इस समूह में दो छात्र एवम दो छात्राएं हैं।
पहला छात्र- सुनो भाई ध्यान से सुनो। कल पास के गांव में एक युवती की हत्या कर दी गई।
दूसरा छात्र- क्या युवती पढ़ी-लिखी थी?
पहला छात्र- नहीं जी! वह तो साफ मूर्ख थी।
दूसरा छात्र- उसकी हत्या क्यों हुई?
पहला छात्र- ग्रामीणों ने उसे डायन समझकर मार डाला।
दूसरा छात्र- तभी तो ऐसा हुआ।
पहला छात्र- मैं नहीं समझा।
पहली छात्रा- इसमें समझने वाली कौन सी बात है?
दूसरी छात्रा- वही तो।
पहला छात्र- कैसे-कैसे?
दूसरा छात्र- युवती का पढ़ा-लिखा होने से उसका विवाह गांव में थोड़े ही होता!
पहली छात्रा- नहीं यह बात नहीं है।
दोनों छात्र (एक स्वर में) - फिर क्या बात है?
पहली छात्रा- पढा-लिखा होने पर छात्रा अपने अधिकारों के लिए लड़ सकती थी।
दूसरी छात्रा- और वह समाज में लोगों को कुरीतियों के विरुद्ध जागरूक कर सकती थी।
दोनों छात्र (एक स्वर में) -और फिर उस युवती की हत्या नहीं होती।
दोनों छात्राएं(एक स्वर में) -हां हां।
डम-डम-डम-डम