NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 12 लखनवी अंदाज - यशपाल


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NCERT Solutions for Chapter 12 लखनवी अंदाज - यशपाल (Lakhnavi Andaz - Yashpal)

Author Name

यशपाल (Yashpal) 1903-1976

Related Study

  • Summary of लखनवी अंदाज Class 10 Hindi
  • Important Questions for लखनवी अंदाज Class 10 Hindi
  • MCQ for लखनवी अंदाज Class 10 Hindi

Topics Covered

  • प्रश्न अभ्यास
  • रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न अभ्यास 

NCERT Solutions for Chapter 12 लखनवी अंदाज Class 10 Hindi प्रश्न अभ्यास

1. लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावो से लगा कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं है?

उत्तर

लेखक के ट्रेन मे आते ही नवाब साहब के मुँह पर उदासीनता के भावो से यह साफ हो गया था कि वह लेखक से बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं है।


2. नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंततः सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होने ऐसा क्यो किया होगा? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है?

उत्तर

उनका ऐसा बर्ताव खुद को खास दिखाने व लेखक के समक्ष अपनी अमीरी प्रकट करने के लिए होगा। उनका ऐसा करना उनके स्वभाव के खोखलेपन को दर्शाता है।


3. बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत है?

उत्तर

इस कथन द्वारा लेखक ने नए दौर के लेखको पर व्यंग्य कसा है।
बिना आवश्यक मूल तत्वो के कोई भी चीज़ असंभव है ठीक उसी तरह बिना विचार,घटना व पात्रो के भी कहानी लिखी जानी मुश्किल है।


4. आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे ?

उत्तर

बनावटी जीवन।


NCERT Solutions for Chapter 12 लखनवी अंदाज Class 10 Hindi रचना और अभिव्यक्ति

5. (क) नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।

(ख) किन-किन चीज़ों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं?

उत्तर

नवाब साहब के सामने दो ताजे चिकने खीरे तौलिये पर रखे थे। नवाब साहब सामने बैठे लेखक को देख अपने संकोच को दूर करते हुए कुछ नए अंदाज में खीरा काटने की प्रक्रिया अपनाते हैं। बर्थ के नीचे रखे पानी से भरे लोटे को लेकर खिड़की से बाहर खीरों को अच्छी तरह धोते तथा तौलिये से पोंछते है। जेब से चाकू निकालकर खीरे के सिर को काटकर और गोदकर झाग निकालते हैं। खीरों को छीलकर फाँके बनाते हैं। कटी हुई फाँकों पर जीरा, नमक और काली मिर्च को बुरकते हैं। नबाब साहब खीरे की एक फाँक को उठाकर होठों तक ले जाते हैं, उसको सूँघते है। खीरे के स्वाद के आनंद में उनकी पलकें मूँद जाती है। मुँह में पानी भर आता है।


6. खीरे के संबंध मे नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की औ२ भी सनको और शौक के बारे मे पढ़ा या सुना होगा। किसी एक के बारे मे लिखिए।

उत्तर

पुराने काल मे नवाबों को शौक होता था जंगली जानवरो को मारकर उनकी खाल का घर मे सजाना। जो सोचने व सुनने दोनो मे अजीब है।


7. क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है? यदि हाँ तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर

सनक सवार हो जाना अर्थात् जनून छा जाना अर्थात् धुन का पक्का होना। यदि किसी व्यक्ति में लगन, मेहनत तथा ईमानदारी से काम करने की सनक हो तो इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है हमने ऐसे कई वैज्ञानिकों, महापुरुषों तथा ज्ञानी व्यक्तियों के बारे में सुना है जो दिन रात मेहनत करने पर सफल हुए हैं। सवित्रीबाई फुले, रानी लक्ष्मी बाईं, कल्पना चावला आदी महिलाओं ने अपनी सनक को सकारात्मक रूप से लेने के कारण ही इतिहास में अपना नाम दर्ज किया है| ऐसी सापेक्ष सनक सकारात्मक होती है। उसके परिणाम अच्छे निकलते हैं।
सावित्रीबाई फुले के कारण ही आज महिलाएं शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं। जब उस दौर में महिलाओं की शिक्षा पर पाबंदी थी उस दौर में भी सवित्रीबाई फुले ने संघर्ष करते हुए, लोगों के ताने तथा समाज का दबाव सहते हुए अपनी सनक को अपनी शक्ति बना कर सफलता प्राप्त की और महिलाओं के जीवन को मंगलमय बना दिया।


NCERT Solutions for Chapter 12 लखनवी अंदाज Class 10 Hindi भाषा अध्ययन

8. निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए

(क) एक सफ़ेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे।

(ख) नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया।

(ग) ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है।

(घ) अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे।

(ङ) दोनों खीरों के सिर काटे और उन्हें गोदकर झाग निकाला।

(च) नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा।

(छ) नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए।

(ज) जेब से चाकू निकाला।

उत्तर

(क) बैठे = क्रिया

(अकर्मक क्रिया)

(ख) दिखाया = क्रिया

(सकर्मक क्रिया)

(ग) आदत = क्रिया

(सकर्मक क्रिया)

(घ) खरीदे= क्रिया

(सकर्मक क्रिया)

(ड़)

  1. काटे = सकर्मक क्रिया
  2. गोदकर=पूर्वकालिक क्रिया
  3. निकाला = सकर्मक क्रिया

(च) देखा = क्रिया

(सकर्मक क्रिया)

(छ) थककर लेट गए = क्रिया

(अकर्मक क्रिया, संयुक्त क्रिया)

(ज) निकाला = क्रिया

(सकर्मक क्रिया)

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