NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 7 छाया मत छूना - गिरिजाकुमार माथुर
Chapter Name | NCERT Solutions for Chapter 7 छाया मत छूना - गिरिजाकुमार माथुर (Chhaya Matt Chhuna - Girijakumar Mathur) |
Author Name | गिरिजाकुमार माथुर (Girijakumar Mathur) 1918-1994 |
Related Study |
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Topics Covered |
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प्रश्न अभ्यास
NCERT Solutions for Chapter 7 छाया मत छूना Class 10 Hindi प्रश्न अभ्यास
1. कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात क्यों कही है?
उत्तर
कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात कही है क्योंकि यही एकमात्र कला है जीवन को सही रूप से जीने की। भूली-बिसरी यादें तथा कल के लिए सोचे गए सपने, मनुष्य को भ्रमित कर देते है तथा यह सारी बाते उसे मंजिल भी नहीं दिलवा पाती। इन सभी के कारण मनुष्य सच से आँखे चुराने लगता है , भागने व बचने लगता है और यह सही तरीका नहीं जीवन जीने का।
कवि कहता है कि मनुष्य को वास्तविकता को ग्रहण कर उसका सामना करना चाहिए।
2. भाव स्पष्ट कीजिए।
प्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है, हर चंद्रिका मे छिपी एक रात कृष्णा है।
उत्तर
इन पंक्तियों मे कवि का भाव यह है कि महान होने का सुख एक झूठा आभास है। यह अहसास मनुष्य को भ्रमित करने का बल रखता है तथा उसको विचलित कर देता है।
जिस प्रकार रेगिस्तान मे हिरण जल की तलाश मे सूर्य की किरणों को जल मान उसके पीछे भटकता रहता है, प्रभुता का अहसाह भी ठीक ऐसा ही है।
जिस प्रकार हर चाँदनी रात के बाद अमावस्या की काली रात आती है, ठीक उसी प्रकार जीवन मे सुख के बाद दुख आना निश्चित है। यह जीवन का सत्य है और इसे हमें स्वीकार कर लेना चाहिए।
3. ‘छाया’ शब्द यहाँ किस संदर्भ मे प्रयुक्त हुआ है? कवि ने उसे छूने से मना क्यों किया है?
उत्तर
कविता मे ‘छाया’ शब्द का प्रयोग बीती मधुर स्मृतियों के संदर्भ में हुआ है। वर्तमान के कठीन समय मे बीती सुखद स्मृतियो को याद करने से मनुष्य टूट जाता है तथा वह वर्तमान मे चलती जीवन की परीक्षा में कमजोर पड़ जाता है। इसी कारण कवि ‘छाया’ को छूने से मना करते है तथा वर्तमान स्थिति को स्वीकारने एवं यथार्थ भाव से सत्य को मान लेने को कहते है।
4. कविता मे विशेषणों के प्रभाव से शब्दो के अर्थ मे विशेष प्रभाव पड़ता है जैसे कठिन यथार्थ। कविता मे आए ऐसे अन्य उदाहरण छाँटकर लिखिए और यह भी लिखिए कि इससे शब्दों के अर्थ में क्या विशिष्टता पैदा हुई?
उत्तर
- शरद रात- यहाँ शरद (विशेषण) रात की मोहकता पर प्रकाश डाल २हा है।
- जीवित क्षण – यहाँ जीवित क्षण के ज़रिए क्षण को चलयमान बताया है।
- दुख दूना – यहाँ दूना शब्द के ज़रिए दुख की अधिकता पर प्रकाश डाला गया है।
- एक रात कृष्णा – यहाँ कृष्णा शब्द के प्रयोग से रात की कालिमा को दर्शाया गया है।
- रस बसंत – यहाँ रस शब्द बसंत को और अधिक रसीला बना रहा है।
5. ‘मृगतृष्णा’ किसे कहते है? कविता मे इसका प्रयोग किस अर्थ मे हुआ है?
उत्तर
गर्मी की अत्यधिक धूप मे रेगिस्तान मे दूर सूर्य की किरणों द्वारा उत्पन्न चमक से पानी होने का अहसास परंतु वहाँ पर कुछ नहीं होता। इस भ्रम की स्थिति को मृगतृष्णा कहते है। कवि ने इसका प्रयोग प्रभुता के एहसास के अर्थ मे किया है।
6. ‘बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि ले’ यह भाव कविता की किस पंक्ति मे झलकता है?
उत्तर
क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर?
जो न मिला उसे भूल कर तू भविष्य वरण।
7. कविता मे व्यक्त दुखो के कारणो को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
कविता मे लालच व अत्याधिक कामनाओं को मनुष्य के दुखो का कारण बताया गया है। मनुष्य को बीती स्मृतियो को भुलाकर वर्तमान समय मे हो रही बातो पर ध्यान देना चाहिए और साथ ही प्रभुता में उलझकर स्वयं को दुखी नहीं करना चाहिए।
NCERT Solutions for Chapter 7 छाया मत छूना Class 10 Hindi रचना और अभिव्यक्ति
8. ‘जीवन मे है सुरंग सुधियाँ सुहावनी’ से कवि का अभिप्राय जीवन की मधुर स्मृतियों से है। आपने अपने जीवन की कौन-सी स्मृति संजो रखी है?
उत्तर
जब पहली बार मे अपनी कक्षा मे अव्वल आया था, वह स्मृति मैने संजो कर रखी है। ३स वक्त जो खुशी मेरे माँ पापा के चेहरे पर थी, वो अनमोल थी।
9. ‘क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर ?’ कवि का मानना है कि समय बीत जाने पर भी अपलब्धि मनुष्य को आनंद देती है। क्या आप ऐसा मानते है? तर्क सहित लिखिए।
उत्तर
हाँ, हम भी ऐसा ही मानते है।
वर्षों पुरानी उपलब्धि के बारे मे भी सोचक२ मन एकदम प्रसन्न हो जाता है, और वह उपलब्धि जीवन भर के लिए खुशी व गर्व का विषय बन जाती है।