NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 4 आत्मकथ्य - जयशंकर प्रसाद
Chapter Name | NCERT Solutions for Chapter 4 आत्मकथ्य - जयशंकर प्रसाद (Aatmkathya - Jaishankar Prasad) |
Author Name | जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad) 1889-1937 |
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Topics Covered |
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प्रश्न अभ्यास
NCERT Solutions for Chapter 4 आत्मकथ्य - जयशंकर प्रसाद Class 10 Hindi प्रश्न अभ्यास
1. कवि आतत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?
उत्तर
कवि आत्मकथा लिखने से इसलिए बचना चाहते है क्योंकि वे नही मानते की उनके जीवन मे ऐसा कुछ रोचक हुआ है जिसको पढ़कर लोग आनंद ले सके, तथा उनका जीवन हमेशा से ही कष्टों से भरा रहा। वह अपने अतीत की यादो को सिर्फ अपने तक रखना चाहते है ताकि उनकी जगहँसायी ना हो।
2. आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ‘अभी समय भी नहीं’ कवि ऐसा क्यो कहता है?
उत्तर
कवि के अनुसार उनके जीवन मे ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसको शब्दो मे पिरोकर वह लोगो के लिए प्रेरणाश्रोत बन सके। कवि का मानना है कि उनका जीवन संकटो एवं अभावो से ग्रस्त है, ऐसे मे वह अपनी आत्मकथा को शब्दों मे डालकर अपना दुख सबको नही कहना चाहते, इसलिए कवि के अनुसार अभी आत्मकथा सुनाने का समय नहीं हुआ है।
3. स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का क्या आशय है?
उत्तर
स्मृति को ‘पाथेय’ बनाने से कवि का आशय ‘जीवनयात्रा मे मजबूती’ से है।
जिस प्रकार एक पथिक के रास्ते का सहारा व मज़बूती पाथेय(रास्ते का भोजन) होता है, ठीक उसी प्रकार कवि अपने आगे के जीवन के लिए वो तमाम स्मृतियो को अपना सहारा मान लेता है जिससे उन्हे सुख की प्राप्ति हुई तथा वही स्मृतियाँ उन्हे उनकी आगे की जीवनयात्रा मे मजबूती प्रदान करेंगी।
4. भाव स्पष्ट कीजिए।
(क) मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया। आलिंगन में आते-आते मुसकाया सा जो भाग गया।।
(ख) जिसके अरूण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया मे। अनुरागिनी ऊषा लेती थी निज सुहाग- मधुमाया में।
उत्तर
(क) इन पंक्तियो मे कवि कहते है कि उनको वह सुख कभी मिल ही नहीं पाया जिसका उन्हे हमेशा से इंतज़ार था। वह हमेशा ही उस सुख से वंचित रहे। वह सुख कई बार उनके पास आते- आते रह गए।
(ख) इन पंक्तियों मे कवि अपनी प्रेयसी के रूप का वर्णन करते हुए कहते है कि प्रेयसी के चेहरे की लालिमा इतनी अधिक थी कि भोर वेला भी अपनी लाली उसी के मुँख की लालिमा से लेती थी। कवि की प्रेमिका का मुख-सौदर्य ऊषाकालीन लालिमा से भी बढ़कर था।
5. गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातो की’ कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहते है?
उत्तर
इन पंक्तियों मे कवि अपनी प्रेमिका के साथ चाँदनी रात मे बिताए कुछ अनमोल पलो की बात कर २हा है।
वह नहीं चाहता है कि उन सुनहरे पलों को वह किसी के भी साथ बाँटे व उसकी जगहँसायी हो।
कवि उन पलो को अपने जीवन का आधार मानकर व निजी सम्पति की तरह बस अपने पास सँजो लेना चाहता है।
6. कविता की कव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर
- अनुप्रास अलंकार के प्रयोग से काव्य की सुंदरता मे चार-चाँद लग गए।
-पथिक की पंथा की, आदि। - तत्सम शब्दो का सुंदर प्रयोग।
– इस गंभी२ अनंत-नीलिमा मे असंख्य जीवन इतिहास। - मानवीकरण शैली का प्रयोग।
– अरी सरलते तेरी हँसी उडाउँ मैं।
7. कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता मे किस रूप में अभिव्यक्त किया है?
उत्तर
कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता मे ‘अपूर्ण’ दिखाया गया है। कवि ने सपने मे अपनी प्रियतमा को देखा एवं आनंद महसूस किया परंतु कवि की प्रियतमा आलिंगन मे आते आते गुम हो गई।
कवि कहता है कि उसने जो सुख का सपना देखा वह सदा के लिए अपूर्ण २ह गया तथा वह हमेशा के लिए सुखों से वंचित हो गया।
NCERT Solutions for Chapter 4 आत्मकथ्य - जयशंकर प्रसाद Class 10 Hindi रचना और अभिव्यक्ति
8. कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्तित्तव की जो झलक मिलती है, उसे अपने शब्दो मे लिखिए।
उत्तर
कवि सीधा साधा, व्यवहारिक और विनम्र इंसान है| वह योग्य और बड़ी सादगी से अपने आलोचकों और उसके साथ धोखा करने वाले मित्रों अथवा अन्यों को व्यंग्य के माध्यम से जवाव दे देता है| लेकिन वह एक विनम्र व्यक्ति है इसी कारण से उसके उस व्यंग्य में भी विनम्रता होती है| कवि अपने छोटे से जीवन के सुखों और दुखों को व्यक्त नहीं करना चाहता| अपने जीवन के उन निजी अनुभवों को वह अपने तक ही सीमित रखना चाहता है| कवि द्वारा अपनी प्रेयसी के साथ गुजारे गए सुखद क्षणों को भी समाज के सामने अभिव्यक्त नहीं करना चाहता और इसीलिये वह कविता में एक स्थान पर कहता है कि-